Sunday 30 December 2012

अब नहीं रहा वो हिंदुस्तान हमारा!


 Dear Friends,

Whatever happened on the night of 16 December was a shame for our nation...

सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा
जहाँ माँ बहनों की इज़त को सरेआम लूटा जा रहा!

गोदी में खेलती है जिसकी हजारों नदियाँ
वहां खून का सैलाब क्यूँ बहाया जा रहा!

जहाँ मजहब नहीं सिखाता आपस में बैर रखना
क्यूँ वहां धर्म के नाम पर बेगुनाहों को मारा जा रहा!

जहाँ पर्वत का साया है सबसे ऊंचा
क्यों वहां उंच नीच का भेद बूनाया जा रहा!

अगर है ये गुलिस्तान हमारा
तो क्यों नन्हे फूलों का भविष्य ऊजाडा जा रहा!

क्या ये वही वतन है
जिसके लिए लाखों शहीद हुए!

क्या मिला इस आज़ादी से
क्यों अपने ही देश में कैद हो गए!

वही देश जो था कभी सारे जहाँ से अच्छा,

अब नहीं रहा वो हिंदुस्तान हमारा!
अब नहीं रहा वो हिंदुस्तान हमारा!!

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